आईटीडीसी – एक झलक – India Tourism Development Corporation

आईटीडीसी – एक झलक

आईटीडीसी अक्टूबर, 1966 में अस्तित्व में आया और देश में पर्यटन के प्रगामी विकास, संवर्धन और विस्तार में प्रमुख प्रवर्तक रहा है। निगम के मुख्य रूप से निम्नलिखित उद्देश्य हैं:

  • मौजूदा होटलों का निर्माण, अधिग्रहण और प्रबंधन तथा होटलों, तट विहारों (बीच रिसॉर्ट्स), यात्री लॉज/रेस्टोरेंट का विपणन करना।
  • परिवहन, मनोरंजन, खरीदारी और पारंपरिक सेवाएं प्रदान करना।
  • पर्यटक प्रचार सामग्री तैयार करना, वितरण करना।
  • भारत और विदेश में परामर्शी-व-प्रबंधकीय सेवाएं प्रदान करना।
  • संपूर्ण मनी चेंजर्स (एफएफएमसी), प्रतिबंधित मनी चेंजर्स इत्यादि के रूप में व्यवसाय को आगे बढ़ाना।
  • परामर्श और परियोजना कार्यान्वयन प्रदान करने सहित पर्यटन के विकास और इंजीनियरिंग उद्योग की आवश्यकताओं के लिए नवीनतम, विश्वसनीय और धन के सममूल्य समाधान प्रदान करना।

निगम की प्राधिकृत पूंजी 150 करोड़ रुपए है और 31.03.2022 को प्रदत्त पूंजी 85.77 करोड़ रुपए है। 31.03.2022 को शेयरधारिता स्वरूप निम्नप्रकार है:

  • भारत सरकार                            87.03%
  • इंडियन होटल्स लि।                   7.87%
  • बैंक और वित्तीय संस्थान             2.69%
  • अन्य निकाय कॉर्पोरेट                 0.11%
  • आम जनता, कर्मचारी इत्यादि      2.30%

निगम, परिवहन सुविधाएं प्रदान करने के अतिरिक्त, पर्यटकों के लिए विभिन्न स्थानों पर होटल, रेस्टोरेंट चला रहा है। इसके अतिरिक्त, निगम पर्यटक प्रचार साहित्य के उत्पादन, बिक्री और वितरण तथा पर्यटकों को मनोरंजन और शुल्क मुक्त ख़रीदारी की सुविधाएं प्रदान करने में कार्यरत है। निगम ने नए क्षेत्रों/अभिनव सेवाओं, जैसे संपूर्ण मनी चेंजर्स (एफ़एफ़एमसी) सेवाओं, इंजीनियरिंग से संबंधित परामर्श सेवाओं इत्यादि विविध क्षेत्रों का प्रसार किया है। निगम का अशोक आतिथ्य एवं पर्यटन प्रबंधन संस्थान, पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करता है।

इस समय में, आईटीडीसी के पास अशोक होटल समूह के तीन होटल, एक संयुक्त उद्यम होटल, 01 रेस्टोरेंट, 5 एटीटी (अशोक ट्रैवल्स एंड टुअर्स) एकक, समुद्रपत्तनों पर 15 शुल्क मुक्त दुकानें और एक ध्वनि व प्रकाश प्रदर्शन का नेटवर्क है।
इसके अलावा, आईटीडीसी वेस्टर्न कोर्ट, विज्ञान भवन, हैदराबाद हाउस और संसद भवन में खानपान सेवाओं का प्रबंधन भी कर रहा है।

बदलते परिदृश्य में स्वयं के पुन:निर्माण हेतु, आईटीडीसी अपने शेष व्यावसायिक क्षेत्र को सुदृढ़ करने के अलावा, विविध प्रकार की नई सेवा-उन्मुख व्यवसाय गतिविधियां, जैसे पर्यटन और इंजीनियरिंग परियोजनाओं का परामर्श और निष्पादन, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण/शिक्षा, समारोह प्रबंधन और ध्वनि व प्रकाश प्रदर्शन स्थापित कर रहा है।

 

X